About Touch and Time: Two Poems

Mangalesh Dabral’s poems ‘Touch’ (2008) and ‘There’s No Time’ — originals in Hindi and translated into English by Sanchit Toor (2020)

छुओ

उन चीज़ों को छुओ जो तुम्हारे सामने मेज़ पर रखी हैं
घड़ी क़लमदान एक पुरानी चिट्ठी
बुद्ध की प्रतिमा बेर्रोल्ट ब्रेश्ट और चे गेवारा की तसवीरें
दराज़ खोलकर उसकी पुरानी उदासी को छुओ
एक ख़ाली काग़ज़ को छुओ शब्दों की अंगुलियों से
व़ान गॉग की पेंटिंग के स्थिर जल को एक कंकड़ की तरह छुओ
जो उसमें जीवन की हलचल शुरू कर देता है
अपने माथे को छुओ और देर तक उसे थामे रहने में शर्म महसूस मत करो
छूने के लिए ज़रूरी नहीं कोई बिलकुल पास में बैठा हो
बहुत दूरी से भी छूना संभव है
उस चिड़िया की तरह दूर से ही जो अपने अंडों को सेती रहती है
कृपया छुएं नहीं या छूना मना है जैसे वाक्यों पर विश्वास मत करो
यह लंबे समय से चला आ रहा एक षड़यंत्र है
तमाम धर्मगुरु ध्वजा-पताका-मुकुट-उत्तरीधारी
बमबाज़ जंगख़ोर सबको एक दूसरे से दूर रखने के पक्ष में हैं
वे जितनी गंदगी जितना मलबा उगलते हैं
उसे छूकर ही साफ़ किया जा सकता है
इसलिए भी छुओ भले ही इससे चीज़ें उलट-पुलट हो जायें
इस तरह मत छुओ जैसे भगवान महंत मठाधीश भक्त चेले
एक दूसरे के सर और पैर छूते हैं
बल्कि ऐसे छुओ जैसे लम्बी घासें चांद-तारों को छूने-छूने को होती हैं
अपने भीतर जाओ और एक नमी को छुओ
देखो वह बची हुई है या नहीं इस निर्मम समय में।

Touch 

touch those things that are kept on the desk in front of you 
clock pen-stand an old letter 
Buddha’s idol photos of Bertolt Brecht and Che Guevara 
open the drawer and touch its old sadness 
touch a blank paper with the fingers of words 
touch like a pebble the still water of a Van Gogh painting 
that stirs life’s hullabaloo in it
touch your forehead and don’t feel ashamed of holding it for too long 
to touch it is not necessary for someone to sit very close 
even from far away it is possible to touch 
like that bird who keeps incubating her eggs from a distance
do not believe in phrases like ‘please do not touch’ or ‘touching is prohibited’
this is a conspiracy running for long 
all flag-holding crown-wearing dharmgurus 
bomb-throwers war-raisers are in favour of keeping us apart 
the amount of dirt and waste that they spew 
only by touching can that be cleansed
touch you must even if it turns things topsy-turvy 
don’t touch the way god priests abbots bhakts disciples 
touch each other’s heads and feet 
rather touch the way the tall grasses rush to touch the moon and stars 
go within yourself and touch a moisture
see if it still remains there or not in these ruthless times.

समय नहीं है

कोई है जो अपनी छायाएँ फेंकता है और अपना चेहरा छिपाता है
कोई है जो मेरे सीने पर सवार हो चुका है
एक रात है जिसने मेरे दिनों पर क़ब्ज़ा कर लिया है
रात की हवा में कोई अँधेरी कोई काली चीज़ उतरती है
और मेरी नींद का दम घोटने लगती है
एक काला बादल मण्डराता हुआ आसमान में बैठ जाता है
और सारी नमी को सोखता रहता है
कोई है जिसने मुझसे मेरा समय छीन लिया है
रोज़ सुबह दरवाज़े पर पड़ा हुआ अख़बार आवाज़ देता है
समय किसी दूसरी तरफ़ चला गया है
हत्याओं नफ़रतों अपशब्दों अश्लीलताओं क्रूर ख़ुशियों की तरफ़
मैं इस सबसे घिर गया हूँ
मेरे दिमाग में समय नहीं रह गया है
रोज़ एक झूठ सच की पोशाक पहन कर सामने लाया जाता है
उसके पीछे सच क्या है मैं इस उधेड़बुन में फँस गया हूँ
हवा में एक बकबकाता हुआ तानाशाह मुंह
मेरी बोलती बंद कर रहा है
मेरी आवाज़ में समय नहीं रह गया है
मेरी पुरानी प्रेयसी तुम जो कई वर्षों के पर्दे लाँघकर
एक महीन याद की तरह आई हो हरे पीले लाल पत्तों के परिधान में
अपनी नीली आभा प्रकट करती हुई
मुझे माफ़ करना कि मेरा दिल कुरूपता से भर दिया गया है
प्यारे दोस्तो माफ़ करना कि मेरी दिशा बदल दी गई है
तुम्हें भी कहीं और धकेल दिया गया है
मेरे जीवन में समय नहीं रह गया है
बग़ल में चलते हुए भाइयो बहनो मैं अब तुमसे दूर हूँ
मुझसे कह दिया गया है तुम कोई दूसरे हो
और मेरा अगर कोई शत्रु है तो वह तुममें ही छिपा हुआ है
माफ़ करना कि इन दिनों की कोई काट नहीं है
जीवितों के भीतर जो डगमगाती-सी रौशनी दिखती थी
वह बुझ रही है
और मृतक बहुत चाहते हुए भी कुछ कर नहीं पाते
मेरी जन्मभूमि मेरी पृथ्वी
तुम्हारे भीतर से किसी नदी किसी चिड़िया की आवाज़ नहीं आती
तुम्हारे पेड़ हवा देना बन्द कर रहे हैं
मैं सिर्फ बाज़ार का शोर सुनता हूँ या कोई शंखनाद सिंहनाद
और जब तुम करीब से कुछ कहती हो
तो वह कहीं दूसरे छोर से आती पुकार लगती है
मैं देखता हूँ तुम्हारे भीतर पानी सूख चुका है
तुम्हारे भीतर हवा ख़त्म हो चुकी है
और तुम्हारे समय पर कोई और क़ब्ज़ा कर चुका है।

There’s No Time

there’s someone who throws their shadows and hides their face
there’s someone who has gotten on my chest
there’s a night that has taken over my days
some dark some black thing descends in the night air
and starts suffocating my sleep
a hovering dark cloud finally sits in the sky
and keeps absorbing all the moisture
there’s someone who has snatched my time from me
every morning the newspaper lying at the door calls out
time has gone some other way
towards deaths hatreds profanities obscenities and cruel happinesses
i have gotten surrounded by all this
there’s no time left in my brain
every day a lie in the garb of truth is brought forth
what is the truth behind it i have gotten stuck in this excogitation
a tyrant mouth chattering in the air
is shutting my voice down
there’s no time left in my voice
my old beloved you who by traversing the curtains of many years
have come like a fine memory dressed in green yellow red leaves
revealing your blue aura
forgive me that my heart has been filled with ugliness
dear friends forgive me that my direction has been changed
you too have been pushed elsewhere
there’s no time left in my life
brothers and sisters walking side by side i am away from you now
i have been told that you are someone else
and if i have an enemy, then he is only hidden in you
forgive me that there’s no antidote to these days
the staggering light that used to be seen inside the living
is getting extinguished
and the dead are unable to do anything despite much desire
my birthland my earth
no sound of some river some bird comes from within you
your trees are ceasing to provide air
i only hear the noise of the market or some conch shell battle cry
and when you say something from close
it feels like a call coming from some other end
i see the water inside you has dried up
the air inside you is over
and someone else has occupied your time.

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1 thought on “About Touch and Time: Two Poems

  1. Such beautiful poems and so aptly translated. Thank you for retaining the intensity across languages.

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